पैटर्न लाॅक तोड़ने और आईएमईआई नंबर बदलकर चोरी के सस्ते मोबाइल बेचने वाला गिरोह पकड़ा, 124 मोबाइल और 2 लैपटॉप जब्त

इंदौर. क्राइम ब्रांच ने सोमवार को एक बड़े मोबाइल चोर गिरोह का खुलासा किया। पुलिस गिरफ्त में आए 8 आरोपियों के पास से पुलिस को 124 मोबाइल, 2 लैपटॉप समेत बड़ी मात्रा में साॅफ्टवेयर टूल मिले हैं। इन्हीं की मदद से आरोपी पैटर्न लॉक तोड़ने के साथ ही मोबाइल के आईएमईआई नंबर और साॅफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ करते थे। ये शातिर चोर नॉवेल्टी और जेल रोड स्थित मोबाइल शाॅप पर चोरी के मोबाइल फर्जी बिल के साथ कम कीमत पर बेच रहे थे।


डीआईजी रुचिवर्धन मिश्र ने बताया कि क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि एमजी रोड क्षेत्र स्थित चिमनबाग ग्राउंड पर 3 युवक चोरी के मोबाइलों की खरीद-फरोक्त कर रहे हैं। इस पर एक टीम ने दबिश देकर दीपक पिता संतोष दागवानी निवासी शिव मंदिर के पास अहीरखेड़ी, विजय पिता राजाराम भालसे निवासी अहीरखेडी और विनोद पिता संजीव मंसारे निवासी सुदामा को पकड़ा। तलाशी में इनके पास से 55 मोबाइल फोन मिले। इस संबंध में पुलिस ने जानकारी चाही तो ये संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, ना ही बिल दिखा पाए। इस पर पुलिस इन्हें थाने लेकर पहुंची। पूछताछ में इन्होंने चोरी के मोबाइल खरीदने, लाॅक तोड़ने और आईएमईआई नंबर बदलने की घटनाओं का खुलासा किया। इन्होंने अपने एक और साथी इकबाल हुसैन निवासी एमजी रोड का भी जिक्र किया, जो चोरी के मोबाइलों को ठिकाने लगाने का काम करता था।


पूछताछ में इकबाल ने बताया कि चोरी के मोबाइल को वह नाॅवेल्टी मार्केट में मोहित उर्फ टिंकू पिता राजेन्द्र जाधानी निवासी कपलानी नगर अन्नपुर्णा रोड और  विक्की उर्फ चुस्सु पिता जगदीश वाधवानी निवासी जूनी इंदौर को बेचता था। वहीं, आरोपी शुभम पिता हिम्मत सोलंकी निवासी एरोड्रम, रमन पिता कुशल सिंह परमार निवासी एलआईजी चौराहा जेल रोड स्थित अपनी शॉप पर इनके पैटर्न लॉक तोड़कर आईएमईआई नंबर और साफ्टवेयर में छेड़छाड़ करते थे।


गिरफ्त में आए सभी आरोपियों के पास से पुलिस ने 124 मोबाइल, दो लैपटॉप, वाय-फाय सेट, दो मिरेकल बॉक्स, एक एविएटर टूल, एक एई टूल कनेक्टर के साथ, दो यूएफएस - 3 टूल, तीन जेड 3 एक्स टूल, एक एसई टूल बॉक्स, दो वॉलकेनो बॉक्स मय जैक के साथ। इसके अलावा केबल जब्त किया गया है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि चोरी के मोबाइल को जेल रोड स्थित दुकान के जरिए ये सस्ते दामों में बेच देते थे। ये चोरी के मोबाइलों के  पैटर्न लाॅक तोड़कर उसके आईएमईआई व साॅफ्टवेयर के साथ भी छेड़छाड़ करते थे। ऐसा कर वे ग्राहकों को फर्जी बिल भी दिया करते थे। आरोपियों ने बताया कि वे चार-पांच साल से यह काम कर रहे थे।


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