जमीन के अंदर पाइप‌ साफ करते वक्त हादसा: घायल बोला- मरने से पहले विनोद चीखा- मिट्टी धंस रही है... फिर खामोश हो‌ गया, मैं 2 घंटे अंदर दबा रहा

देवास. सुपरवाइजर मनीष हमें पाइप से मिट्टी बाहर निकालने का काम देकर चला गया। मशीन से नीचे उतारा। मैं पाइप के अंदर था और तगारी में मिट्टी भर कर विनाेद और अरविंद काे दे रहा था। वे दूसरी तरफ मिट्टी डाल रहे थे। अचानक मिट्टी धंसी। विनाेद कहने लगे-अरे मिट्टी धंस रही है। इसके बाद उसकी आवाज बंद हाे गई और पाइप का मुंह मिट्टी से बंद हाे गया। अंधेरा छा गया। लगा कि अब बच नहीं पाऊंगा। हवा नहीं आ रही थी, जिससे घबराहट हाेने लगी। तभी जेसीबी मशीन की आवाज सुनी, ताे उम्मीद जागी। दाे घंटे तक पाइप में बैठा रहा। मिट्टी हटी तब बाहर आया। यह बात मृतक के साथी और दो घंटे तक मिट्‌टी में दबे रहे मनीष ने बताई।


जेसीबी के पंजे में बिठाकर 20 फीट गहरी खंती में मजदूरों को उतारा
पिछले 4 साल से शहर में सारे नियम ताेड़ कर सीवरेज प्राेजेक्ट का काम कर रही ठेकेदार कंपनी लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन (अब एलसी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड) ने रविवार काे एक मजदूर की जान ले ली थी। दुर्गा नगर में जेसीबी के पंजे में बैठा कर 3 मजदूराें काे पाइप साफ करने के लिए 20 फीट गहरी खंती में उतार दिया। दाेपहर 12 बजे मिट्टी धंस गई, जिसमें दबने से एक मजदूर विनोद पिता मेहताब (29) नि. आंबापानी (धार) की माैत हाे गई। एक मजदूर अरविंद पिता तोलसिंह (मृतक का भतीजा) दूर गिरने से बच गया। जबकि तीसरा मजदूर मनीष पिता दिनेश डामोर नि. करड़ावद बड़ी (झाबुआ) घटना के वक्त पाइप के अंदर था। मिट्टी से पाइप का मुंह बंद हाे गया। वह 2 घंटे पाइप में बैठा रहा। जेसीबी से पाइप के मुंह पर डली मिट्टी हटाई, दाेपहर 2 बजे मजदूर सुरक्षित निकला।


काम खत्म कर भगाेरिया के लिए जाने वाला था विनाेद
मिट्टी से दूर हाेने से बचे अरविंद ने विनाेद के बारे में बताया कि वह मेरे काका थे। पिताजी भी यहीं मजदूरी कर रहे थे। काका की 2 साल की बेटी शिवानी है। हम सब 29 फरवरी काे काम खत्म कर भगाेरिया के लिए गांव जाने वाले थे। विनाेद अपनी पत्नी प्रमिला और बेटी काे लेकर 2 महीने पहले मजदूरी करने गांव से आया था। 300 रुपए प्रतिदिन मजदूरी मिलती थी। जिला अस्पताल में पति की लाश पर कपड़ा ढंका देख प्रमिला ने रोते हुए आदिवासी बाेली में पूछा इलाज क्यों नहीं कर रहे हैं, डाॅक्टर ने उनको ढांककर क्यों रख दिया।


जांच कमेटी बनाई, इंजीनियर सस्पेंड
चार साल से प्राेजेक्ट की शर्ताें का उल्लंघन करते हुए काम कर रही सीवरेज ठेकेदार कंपनी काे नगर निगम चार साल से केवल नाेटिस ही दे रही है। कार्रवाई नहीं की। नगर निगम परिषद के पारित प्रस्ताव के आधार पर बनाई गई चार पार्षदाें की जांच कमेटी ने 45 बिंदुओं की रिपाेर्ट बना कर पेश की थी लेकिन इसका काेई संताेषजनक जवाब नहीं दिया गया। अब आयुक्त कह रही हैं कि जांच कमेटी बनाई गई है। लापरवाही करने पर इंजीनियर दिनेश चाैहान काे सस्पेंड किया है। इधर, काेतवाली टीआई एमएस परमार का कहना है कि कंपनी के जिम्मेदाराें पर केस दर्ज किया जाएगा।


हादसे के बाद राजनीति शुरू



  • विधायक गायत्री राजे पवार जिला अस्पताल पहुंची और बचे मजदूराें से बात की। उन्हाेंने कहा-इस घटना के लिए नगर निगम जिम्मेदार है। जाे दाे मजदूर बचे हैं, वे नाबालिग हैं। यह नगर निगम के अधिकारियाें की जिम्मेदारी है कि वे देखें कि कैसे काम हाे रहा है। बाल श्रमिकाें से काम ले रहे हैं, नगर निगम के अफसर देख ही नहीं रहे हैं। कमिश्नर मैडम की गलती है।

  • शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी का कहना है सीवरेज प्रोजेक्ट का काम जब कंपनी को दिया गया था तभी कहा था कि यह कंपनी ब्लैक लिस्टेड है। इसे एक काम दिया जाना उचित नहीं है। बावजूद उस समय की भारतीय जनता पार्टी की परिषद ने हमारी बातों को अनदेखा करते हुए उक्त कंपनी को काम दिया।


कंपनी के अफसराें के फाेन बंद : माैके पर काम कर रहे एक सुपरवाइजर धर्मेश ने बताया जहां काम चल रहा था, हम उससे दूर थे। कंपनी के जिम्मेदार मैनजर अल्केश चौहान जबाव देंगे। अल्केश चाैहान समेत कंपनी के अफसराें के फाेन बंद हैं।


Popular posts
सिर पर कलश लेकर 5 किमी की यात्रा कर पितरेश्वर हनुमान धाम पहुंचीं हजारों महिलाएं
पैटर्न लाॅक तोड़ने और आईएमईआई नंबर बदलकर चोरी के सस्ते मोबाइल बेचने वाला गिरोह पकड़ा, 124 मोबाइल और 2 लैपटॉप जब्त
अहमदाबाद की यह शादी बन गई अच्‍छी मिसाल, हो रही है तारीफ, वजह ही कुछ ऐसी है
हनी ट्रैप की आरोपियों ने जेल में होली के लिए हर्बल कलर बनाया, इससे पहले दीपक बनाने की प्रतियाेगिता में हिस्सा लिया था